
उरई (जालौन) 5 अगस्त। गायत्री तीर्थ शान्तिकुन्ज हरिद्वार के तत्वावधान में एवं गायत्री शक्तिपीठ उरई के मार्गदर्शन में जिला कारागार, उरई में 145वां ज्ञान यज्ञ कार्यक्रम श्रद्धा व गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ। इस विशेष आयोजन में सीहोर मध्यप्रदेश से पधारे जिला समन्वयक प्रेमलाल कुशवाहा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे, वहीं विशेष अतिथि के रूप में विशन सिंह, जिला समन्वयक, कानपुर देहात ने आयोजन की गरिमा को
बढ़ाया। कारागार में प्रेरणास्पद युग साहित्य लाइब्रेरी की स्थापना की गई।
इसमें पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित निम्न प्रमुख पुस्तकों सहित दर्जनों आध्यात्मिक एवं नैतिक विकासपरक साहित्य रखे गए-1. हारिये न हिम्मत 2. जिन्दगी हँसते-खेलते हुए जिएँ 3. निराशा को पास न फटकने दें 4. विपत्तियों से डरिए नहीं, जूझिए 5. समयदान ही युग धर्म है 6. गायत्री के प्रत्यक्ष चमत्कार 7. स्वर्ग-नरक की स्वचालित प्रक्रिया 8. शक्ति संचय के पथ पर 9. गहना कर्मणोगति आदि।
इस आयोजन का उद्देश्य बंदियों को आत्म-परिष्कार, सकारात्मक विचारों का विकास एवं आध्यात्मिक उन्नयन की दिशा में प्रेरित करना था।
प्रेमलाल कुशवाहा ने अपने उद्बोधन में कहा- मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसका कुविचार होता है। यदि हम कुविचारों को पहचान कर उन्हें सद्बुद्धि से पराजित करें, तो जीवन में नवप्रकाश संभव है। उन्होंने बंदियों को गायत्री मंत्र लेखन, नित्य स्वाध्याय तथा एक बुराई छोड़ने व एक अच्छाई अपनाने का संकल्प दिलाया। विशेष आयोजन गायत्री मंत्र लेखन सामग्री, अखण्ड ज्योति पत्रिका, युग निर्माण साहित्य, गायत्री चालीसा, सत्संकल्प पत्रक आदि कारागार में वितरित एवं स्थायी रूप से स्थापित किए गए। जेल अधीक्षक धीरज कुमार, जेलर राजेश कुमार एवं डिप्टी जेलर विजय पांडे ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य प्रबंध ट्रस्टी महेश चन्द्र सैनी ने सभी अधिकारियों का गायत्री मंत्र दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया।
युग साहित्य लाइब्रेरी की स्थापना बंदी सुधार अभियान के अंतर्गत गायत्री परिवार, कानपुर देहात द्वारा
कारागार में प्रेरणास्पद युग साहित्य लाइब्रेरी की स्थापना की गई।
इस मौके पर लक्ष्मण सिंह जादौन, रमन सिंह चौहान, शिवपाल सिंह, रवीन्द्र कुमार श्रीवास्तव, राजेश गुप्ता, विशन सिंह (जिला समन्वयक, समन्वयक, कानपुर देहात), ललित वर्मा जेल वार्डन, अशोक मिश्रा जेल वार्डन, रामसेवक पाल, अशोक सिंह एवं सैकड़ों बंदी भाई-बहन उपस्थित रहे।
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